
मणिकर्ण गुरुद्वारा कैसे जाये :- Manikaran Sahib Kaise Jaye
Manikaran sahib | हिमाचल प्रदेश के कसोल के पास में एक बहुत ही पवित्र स्थल है और वह है मणिकरण का गुरद्वारा जो काफी खूबसूरत जगह पर है और काफी दूर पहाड़ों पर है फिर भी यहां पर हजारों श्रद्धालु हर रोज आते हैं तो ऐसा क्या है आज आइए जानते है इस ब्लॉग में आप जब मनी करने जाते हैं तो ऐसे खूबसूरत नजारे आपको बहुत देखने को मिलेंगे यह मैं रास्ते में रुका हूं और और सुंदर वादियां यहां पर है यहां पर आप रुक रुक के जा सकते हैं बहुत ही एंजॉय करेंगे इस ब्यूटी को आप रोड यहां जाने की बहुत अच्छी नहीं है और और ठीक है अभी तक मैं थोड़ा आगे आया हूं बीच में जब आप उल्लू के साइड पहुंचेंगे तो रोड वहां पर काफी खराब मिलेगी आपको लगभग आपको पांच से 6 किलोमीटर की रोड खराब है उसके आगे ओवरऑल ऐसी है आप देख सकते हैं ठीक-ठाक है एवरेज है!
मणिकरण नाम कैसे पड़ा:
Manikaran sahib | आप 40 50 की स्पीड पर मनाली से लगभग 90 किलोमीटर दूर बसे मणिकरण गुरुद्वारा की कहानी काफी पुरानी है कहते हैं यहां भगवान शंकर जी ने माता पार्वती के साथ 11000 वर्षों तक तक किया 1 दिन यहां जल में पार्वती जी की चिंतामणि गिर गई जो पाताल में शेषनाग के पास पहुंची चिंतामणि को ढूंढने के लिए नैना देवी प्रकट हुई और पाताल में जाकर शेषनाग को मणि लौटाने को कहा तो उन्होंने पुकारे से अनेक मणियों के साथ चिंतामणि भेंट कर दी तब से इस स्थान का नाम मणिकरण पड़ गया है मणिकरण किचन नहीं हो सकती कितने बड़े बड़े बॉल ने आज खाना बन रहा है यहां पर हर दिन लंगर चलता है और हजारों लोग यहां हर दिन लंगर खाते हैं यहां के किचन में रोटियां बनाने की ऑटोमेटिक मशीन भी लगी है जिससे कि मिनटों में काफी रोटियां तैयार हो जाती है वहां पर आएंगे तो मिलेंगे करना ना भूले यहां जब गुरु नानक देव जी आए तो उसकी भी कहानी अलग है मणिकरण गुरुद्वारा में श्री गुरु नानक जयंती जी 1574 संवत में भाई बाला और मर्दाना के साथ पहुंचे मरदानी को जब भूख लगी तो उन्होंने गुरु जी से कहा मेरे पास आता है पर आग और बर्तन का साधन नहीं है तब गुरुजी ने उन्हें एक पत्थर हटाने को कहा पत्थर हटाने पर खोलते पानी में एक चश्मा प्रकट हुआ गुरुजी नहीं खोलते पानी में आटा डालने को कहा था रोटिया डालते ही डूब गई तब गुरु जी ने मर्दानी से कहा कि भगवान से ना करके एक रोटी भगवान के नाम लूंगा इसके बाद सारी रोटियां ऊपर आ गई गुरु नानक जी द्वारा प्रकट किए गए चश्मे में आज भी उसी तरह लगता है फिर सकते हैं यहा से कितना दूर है यह गर्म पानी है यहां का हॉट स्प्रिंग है मैं कल ही आता है क्या एक ट्रक के पीछे लॉजिक है किसी को कुछ नहीं मालूम बड़ी ठंडी ज्यादा गर्म पानी आना बहुत ही अजीब बात है यहां पर हर दिन काफी सब्जियां आती हैं और उसको बनाने के लिए और यहां की व्यवस्था के लिए काफी सारे सेवादार अपनी सेवा देते हैं मैडम के बारे में एक जो खास चीज है वह गाना जो फोन व्हाट्सएप में काफी गर्म होने लायक जगह में इतनी ठंडी जगह पर ऐसा गर्म पानी मिलना है कितनी अजीब बात है गुरुद्वारे के पास रहने के लिए दिए गए हैं उसमें आप उससे कर सकते हैं वहां पर आप देख सकते हैं पानी का एडमिन बना हुआ है उसमें आप चाहे तो नहीं सकती हैं!
मणिकरण गुरुद्वारे में पार्किंग:
Manikaran sahib | मणिकरण गुरुद्वारे में पार्किंग का भी बहुत अच्छा अरेंजमेंट है और सैकड़ों गाड़ियां यहां आराम से खड़ी हो सकती हैं मनी करण जाने की रोड कसोल के पास काफी खराब है बरसात में रोड और भी खराब हो जाती है आप देख सकते मणिकरण का गुरद्वारा इतनी खूबसूरत लोकेशन पर बारिश में यहा पर आते हैं कि अभी आपको दिखाई नहीं पड़ती है और पड़ रही है बहुत अच्छा रहेगा अगर आप याद करते हैं मनाली के लोगों से 5 किलोमीटर की डिस्टेंस है और 18 सकते हैं लगभग आपका दुकान के आसपास का खर्चा लगेगा अगर आप रिचार्ज करके आते हैं!
मणिकरण गुरुद्वारा खाना:-
यहां से डायरेक्ट लाली से रोटी बनती है बनती है मणिकरण गुरुद्वारा सात मंजिला है और यहां लंगर कमरे बिस्तरे पार्किंग और प्रसाद का फ्री में अरेंजमेंट है कुल मिलाकर मणिकरण का गुरुद्वारा सभी के लिए है और यहां पर आकर आपको आत्मिक सुख मिलेगा तो आप एक बार यहां जरूर जाएं!
थैक्स!
Nice vlog