कुशीनगर:-
*कुशीनगर के बारे में जानकारी: Information about Kushinagar
kushinagar | फ्रेंड्स मैं हू प्रकाश गुप्ता और मै लेकर आया हूं हमारे ब्लॉग मै सैर सपाटा गर्मी की छुट्टियां शुरु होने वाली
है और ऐसे में बाहर घूमने फिरने की बात ही कुछ और होती है आप यदि- कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो हमारे साथ चलिए सैर सपाटे पर हम आपको हर हफ्ते एक नई जगह पर लेकर चलेंगे आज हम चलते हैं यूपी के कुशीनगर( Kushinagar) जो कि एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थल है1876 में अंगरेज पुरातत्ववि- एक कनिंघम ने कुशीनगर की खोज की थी परंतु आ रहा है सम्मा समबुद्धस्सा नमो तस्सा भगवतु अराहटो सम्मा समबुद्धस्सा लोग इसे कौशल के राजाओं की नगरी कुछ पति के नाम से भी जानते
हैं माना जाता है। कि भगवान राम के पुत्र कुछ की राजधानी होने के चलते इसका नाम कुछ भती रखा गया घोड़े के लिहाज से भी कुशीनगर पर्यटन स्थल है पूरी दुनिया से पर्यटक यहां घूमने आते हैं कई मंदिरों स्तूपो के साथ साथिया बहुत ही जगह पर आप घूम सकते हैं।
कुशीनगर पर्यटक स्थलों की सैर:
चलते हैं यहां के पर्यटक स्थलों की सैर पर सबसे पहले मैं आपको लेकर चलता हूं कुशीनगर के रामा बारिश
ते भगवान के महापरिनिर्वाण के बा-16 महाजनपदो
में उनकी अस्थियों को बांट दिया गया भस्मा और अस्थियों के ऊपर तू बनाए गए कुशीनगर में मौजूद- राम आभार का स्तूप इन्हीं में से एक है करीब 50 फुट ऊंचे इस स्टोर को मुकुट बंधन बिहार भी कहा जाता है स्तूप के नोट में स्थित यहां का जापानी मंदिर अपनी विशिष्ट वास्तु के लिए प्रसिद्ध है इस मंदिर में भगवान बुद्ध की अष्टधातु की मूर्ति है मंदिर सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक दर्शनार्थियों के लिए खुला रहता है इस मंदिर की रुपरेखा
जापान की एक संस्था की ओर से की जाती है जापानी मंदिर के ठीक सामने संग्रहालय है इस काली वस्तु धातुओं कुशीनगर मे खुदाई के दौरान पाई गई मूर्ति सिक्के और बर्तन भी रखे गए हैं अब संग्रहालय के बाद व्हाट टाइम मंदिर यहां सबसे आकर्षण का केन्द्र है हाल ही में इस मंदिर को बनाया गया है मंदिर का निर्माण फाइलें सरकार के सौजन्य सेकिया गया है इस मंदिर में था इस शैली की भगवान बुद्ध की अष्टधातु की मूर्ति मंदिर का वास्तु थाईलैंड के मंदिरों जैसा ही है मंदिर की रुपरेखा
थाईलैंड की राजकुमारी करती है मंदिर परिसर के चारों ओर भव्य बागवानी भी की गई है पौधों का विशेर्ष आकार भी पर्यटकों को अपनी ओर खीचता है अगर बात यहां बने चीनी मंदिर की करें तो कुशीनगर के विस्तार के साथ बनाए गए मंदीरों में से एक चीनी मंदिर में भगवान बुद्ध की मूर्ति अपने पूरे स्वरूप में चीनी लगती है वारोंपर जातक कथाओं से संबंधित पेंटिंग बहुत ही आकर्षक है महापरिनिर्वाण मंदिर से पहले बीच तालाब में बना भगवान बुध का जल मंदिर और इसके सामने बना
विशाल प्रकोटा पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।
कहां ठहरेंगे आप:
kushinagar | थक गए होंगे दूर करने के लिए भी यहां हर तरह के होटल मौजूद है यहां लोटस निक्को होटल होटल रेजिडेंसी अप पथिक निवास में ठहरने के लिए बेहतर होगा कि आप पहले से बुकिंग करवा लें ताकि आपको दिक्कतों का सामना ना करना पड़े ज्यादातर पथिक निवास यूपी पर्यटन विकास निगम की ओर से संचालित होते हैं
वह धर्मशाला में भी साल भर भीड़ रहती है इसमें बिरला धर्मशाला और बुध धर्मशाला प्रमुख है इसके अलावा अलग-अलग मंदिरो के धर्मशाला भी है आप सोच रहे होंगे कि कुशीनगर पहुंच जाए तो आपको परेशान होने की जरूरत नही है
कुशीनगर जाने की वेवस्था:
kushinagar | मैं आपकी टेंशन दूर करता हूं अगर गोरखपुर से52 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे नंबर 28 पर स्थित है गोरखपुर से हर घंटे कुशीनगर के लिए बसें मिलती रहती हैं गोरखपुर से लगभग सभी प्रमुख शहरों के लिए ट्रेन की सुविधा भी उपलब्ध है इसके साथ ही गोरखपुर से दिल्ली मुंबई और कोलकाता के लिए हवाई सुविधा भी उपलब्ध है आज को कुशीनगर पहुचने में कोई दिक्कत नहीं होगी, अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो यहां सबसे ज्यादा नजदीक गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन है।
थैंक्यू!
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