
स्वर्ण मंदिर कैसे पहुंचे : How to reach Golden Temple
Golden temple | मैं बात करूंगा कि हमको स्वर्ण मंदिर अमृतसर कैसे पहुंचना है और हम को क्या-क्या चीजें करनी है। सबसे पहले बात करते हैं कि अमृतसर पहुंचने के हमारे पास तीन विकल्प है। अगर आप ट्रेन से आते हैं तो अमृतसर तक काफी ट्रेनें आती हैं। अलग-अलग शहरों से अलग-अलग राज्यों से ट्रेन अमृतसर तक डायरेक्टली चलती है तो आप ट्रेन से आ सकते हैं। दूसरों विकल्प बस है तो आप दिल्ली आकर भी आप अमृतसर के लिए बस पकड़ सकते हैं। तीसरा विकल्प एयर फ्लाइट आप जिस शहर में रहते हो उस साइड से आपको फ्लाइट मिल जाएगी सीधे अमृतसर के लिए भी या फिर आप दिल्ली आकर सीधा अमृतसर आ सकते हैं। अमृतसर से पहुंचे। हमको आगे क्या करना है, उसके बात कर लेते हैं। बस या बाय ट्रेन आते हैं तो आप अमृतसर रेलवे स्टेशन से प्लेटफार्म नंबर एक के बाहर आइए। नंबर 1 पर आपको फ्री बस सर्विस मिलेगी जो कि आपको स्वर्ण मंदिर के परिसर के बाहर आपको छोड़ेगी तो अगर आप फ्री बस सर्विस लेना चाहते हो वहां से ले सकते हैं। थोड़ा आपको वेट करना पड़ेगा क्योंकि बस हर आधे घंटे के अंदर होती है या फिर आप टेंपो ले सकते हैं टेंपो वाला आपको सर मंदिर के 30 रुपैया लेगा और आपको स्वर्ण मंदिर से आधा किलोमीटर दूर छोड़ेगा वहां जगह हेरिटेज स्ट्रीट के नाम से जानी जाती है उसे तरीके से बना दी गई है। आज की डेट में पहले ऐसा नहीं था। पहले थोड़ी सी वहां पर सफाई की भी कमी थी, लेकिन आज की डेट में बहुत ही सुंदर सभी दुकानों को एक तरीके से बना दिया गया। सिस्टमैटिक तरीके दुकान में बनाई गई है और साफ-सफाई का भी काफी अच्छा किया गया है।
मंदिर के परिसर के अंदर :
आप को मंदिर जाना पड़ेगा। बात करते-करते हम मंदिर परिसर की तरफ हम पहुंचते हैं। मंदिर परिसर के अंदर पहुंचेंगे तो आपको चारों तरफ संगमरमर से बनी हुई चीजें देखने को मिलेंगी।आपको फ्लोर, आपके दीवार सब मार्बल से बने होंगे तो मंदिर परिसर में। आपका सामान रखने और आपके सामान रखने की वहां पर हुई लॉकर सुविधा को दी गई है तो अगर आपके पास समान है तो अब सामान आफ लैगेज रूम में रख दीजिए और आप जूते चप्पल है। तब जूते चप्पल को रख दीजिए। आपको टोकन दिया जाएगा। उसको संभाल के रखिएगा कि आप लेने जाएंगे तो आपको को वह टोकन दिखा कर लेना पड़ेगा तो बात करते हैं की अब मंदिर में किन-किन बातों को आपको जरूर ध्यान रखना है कि आप के सर पर कपड़ा होना अति आवश्यक है। अगर कपड़ा नहीं है आपके पास तो आप जगह-जगह टोकरी रखें हुए है तो टोकरी से कपड़ा उठाकर अपने सर पर बांट सकते हैं। अगर आपके पास रुमाल है तो फिर रूमाल से भी अपने सर को कवर कर सकते हैं। अमृतसर श्रद्धालु अमृत सरोवर में स्नान करके ही गुरु हरमंदिर साहिब का दर्शन करते हैं तो वहां पर बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। अमृत सरोवर में अमृत सरोवर में डुबकी जरुर लगाएगा और उसके बाद ही गुरुद्वारे में गुरु हरमंदिर साहिब का दर्शन कीजिएगा। गुरुद्वारे का खूबसूरत दृश्य आप देखेंगे तो काफी अच्छा फील होगा। अगर बात लेडीस की तो लेडीज चेंजिंग रूम मंदिर के अंदर ही बना है जब दर्शन करने के लिए मंदिर में प्रवेश करने में काफी अच्छा फील होगा। जब आप मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे तो देखेंगे पूरे सोने की चादरों से लिपटा हुआ मंदिर है। यहां तक कि गुरुद्वारे के अंदर आप जो प्रवेश करेंगे तो आपको वहां के पंखे भी आपको सोने की चादरों से लिपटा हुआ आपको देखने को मिली। द्वारे में दर्शन के लिए आपको लाइन लगानी पड़ेगी। किसी भी तरीके के आपको वहां पर समस्या नहीं होगी। गुरुद्वारे में जो समय लगता है, दर्शन के लिए वह आपको लगभग 2 से 3 घंटा लग जाएगा और यह ज्यादा भी हो सकता है। लेकिन अगर वही आप अगर अर्ली मॉर्निंग दर्शन के लिए लाइन में लगते हैं। यानी कि आप 4:00 बजे 5:00 बजे अगर आप लाइन में लग जाते हैं तो आपका दर्शन 1 घंटे में भी पूरा हो जाएगा। किसी भी तरीके का आपको मोबाइल कैमरा की पाबंदी नहीं। आप मोबाइल कैमरा बिल्कुल ले जा सकते हैं। मंदिर परिसर में फोटोग्राफी भी कर सकते हैं। वहां पर किसी भी तरीके की रोक टोक नहीं है, लेकिन आप गुरुद्वारे के अंदर आप फोटोग्राफी नहीं कर सकते हैं लेकिन आपको फोन ले जाने दे दिया जाता है। हम धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए हम गुरु हरमंदिर साहिब का दर्शन करेंगे। मत्था टेकने अपने विशेष मांगेंगे। उनको प्रणाम करेंगे और हम चारों तरफ गुरुद्वारे का दृश्य देखेंगे जो कि काफी अच्छा आपको नजारा वहां पर देखने को मिलेगा। पूरा मंदिर सोने से बना हुआ है तो आपको काफी अच्छा आभास होगा। गुरुद्वारे के अंदर से ही शिर्डी बनी हुई है तो आप ऊपर जाकर भी देख सकते हैं। वहां पर गुरुद्वारे में पूरे दिन चलती रहती है। वह भी सुनने को मिलेगा जो कि काफी अच्छा आपको ठीक होगा तो मंदिर से आप बाहर आइए और आप पूरी परिक्रमा कर लीजिए तो सफ़र करते हुए आपको जगह जगह पर आप को पानी पीने की व्यवस्था मिलेगी तो तुम मंदिर परिसर में आपको एक बेरी का पेड़ देखने को मिलेगा। बेरी का पेड़ बाबा बुढ़ा जी साहिब बैठा करते थे। जब गुरुद्वारे का निर्माण हो रहा था। गुरु हरमंदिर साहिब के लिए तब बाबा बुढ़ा जी साहिब ही बैठकर बेरी के पेड़ के नीचे निगरानी किया करते थे। इनका भी दर्शन कीजिए यहां पर आस्था पर टिकी है। स्वर्ण मंदिर से बाहर आने के लिए चारों दिशा में आपको गेट मिलेंगे। उसका संकेत यह है कि स्वर्ण मंदिर में समुदाय किसी भी संप्रदाय के लोगों के लिए यहां पर पाबंदी नहीं है। मंदिर में गुरु हरमंदिर साहिब जी के दर्शन के लिए सभी के लिए यहां पर द्वार खुले हैं।
गुरुद्वारा के अंदर खाने पीने की व्यवस्था:
चले बात करते हमें आपसे थोड़ी जब खाने पीने की व्यवस्था वहां पर गुरुद्वारे में लंगर चलते हैं। दोपहर में आपको ब्रेकफास्ट मिलेंगे। अभी माहौल में जाकर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। भोजन कर सकते हैं और आप रात के डिनर भी कर सकते हैं। वहां पर लंगर में जैसे कि आप जाएंगे तो आपको थाली दे दी जाएगी और आपको एक चम्मच दे दिया जाएगा। परिसर मैं आपको निपटने की पूरी व्यवस्था है। कारपेट बिछी हुई आप नीचे बैठकर वाहेगुरु जी के प्रसाद ग्रहण कीजिए। वहां पर ब्रेकफास्ट में अगर बात की थी तो वहां पर आपको चाय और टोस्ट की भी व्यवस्था रहती है तो आपको चाय और टोस्ट आपको ब्रेकफास्ट में दिया जाता है। कुल मिलाकर मंदिर के लंगर की व्यवस्था श्रद्धालुओं की गई है।
अमृतसर में रुकना कहां है और हमको रूम कैसे मिलेगा :
अमृतसर के ट्रस्ट की वेबसाइट है जो रूम की बुकिंग कर सकते हैं तो आपको ₹500 में बिल्कुल भी नहीं है तो पड़ेगा कि 12:00 बजे तक बहुत सारे हैं। जो की डेट 600 से हजार दो हजार तक का रूम मंदिर के आसपास मिल जाएगा ।आप 2 दिन की शुरुआत वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद अमृतसर आते हैं या फिर अमृतसर के दर्शन कर बहुत सारे हैं जो की डेट 6 से 1000 तक का रूम आराम से मिल जाएगा। माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद अमृतसर आते हैं या फिर अमृतसर के दर्शन करने के बाद माता वैष्णो देवी जाते हैं ।
सबसे अच्छा समय कौन सा रहेगा :
समय सर्दियों का रहेगा क्योंकि यहां की फर्सं गमरमर की बनी हुई है तो गर्मियों के समय बहुत ज्यादा गर्म हो जाती है तो आप सर्दियों में ही आना चाहिए।
थैंक्यू!
Leave a Reply