मेरठ के बारे मे जानकारी-
मेरठ भारत के
75 जनपदो
वाला राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है यह प्राचीन नगर भारत की राजधानी नई दिल्ली से महज
72 किलोमीटर की दूरी पर
स्थित है मेरठ (meerut) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी कि एनसीआर का हिस्सा भी है मेरठ(meerut) शहर में एक छावनी
भी है मेरठ (meerut) शहर उत्तरप्रदेश के सबसे ज्यादा विकसित होने वाले शहरों में से एक है मेरठ का सराफा एशिया का नंबर 1 का
व्यवसाय बाजार रहे हैं सोने के बारे में कहे तो मेरठ शहर कई तरह के उद्योगो
के लिए प्रसिद्ध है मेरठ (meerut) के निर्माण व्यवसाय में खूब
तेजी आई है जैसा कि दिखता है शहर की कई ऊंची इमारतें शॉपिंग परिसर एवं अपार्टमेंट है और आप देख रहे हैं नॉलेज पार्क मेरठ
से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो शायद आप नहीं जानते हो मेरठ शहर का मेरठ जंक्शन रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के मुख्य रेलवे
स्टेशनो में से एक है मेरठ जंक्शन रेलवे स्टेशन के जरिए हजारों की तादाद में रोजाना यात्री आवागमन करते हैं तथा मेरठ नगर
जंक्शन पर रोजाना
200 से ज्यादा ट्रेन आया करती है।
मेरठ का इतिहास-
अगर इतिहास के पन्नों में मेरठ शहर की थोड़ी
सी झलक देखी जाए तो लोग कहते हैं, कि अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति की शुरुआत 10 मई को मेरठ से ही शुरू हुई थी 10 मई को वर्ष क्रांति दिवस के रूप में मनाते हैं क्रांति की शुरुआत का श्रेय अमर शहीद कोतवाल धन सिंह गुर्जर को कहा जाता है
एजुकेशन की दृष्टि-
अगर एजुकेशन की दृष्टि से मेरठ शहर को देखा जाए तो मेरठ शहर में कुल 4 विश्वविद्यालय चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय सरदार वलभभाई पटेल विश्वविद्यालय शोभित विश्वविद्यालय एवंस्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय है।
मेरठ मैं कहा घूमने जाये-
अगर घूमने फिरने की बात की जाए तो मेरठ शहर में घूमने के शहीद स्मारक जामा मस्जिद तथा हसनापुर यहां के मुख्य आकर्षण
केंद्र हैं शहीद स्मारक मेरठ शहर के मुख्य पर्यटक स्थान है,इन स्थानों में से एक है शहीद स्मारक बहादुरों को समर्पित है जिन्होंने
अट्ठारह सौ सत्तावन विद्रोह के लिए प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति दी थी संगमरमर से बने हुए यह
स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है शाही जाऊं मस्जिद कोतवाली के निकट स्थित इस मस्जिद का निर्माण 11 वी शताब्दी में
करवाया गया था उत्तर भारत की पहली मस्जिद माना जाता है शाही जामा मस्जिद मेरठ शहर के मुख्य पर्यटक स्थान में से एक है हसनापुर तीर्थ है,जेएनयूके लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है यहां का जैन मंदिर तीर्थकार शांतिना को समर्पित है
ऐतिहासिक दृष्टि से जेएनयूके लिए इस स्थान का विशेष महत्व है क्योंकि जेएनयूके तीसरी तीर्थ का आदि ना अपने आप 400
दिन का उपवास रखते है।
थैक्यू
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